दो सुलगते दिल

दो सुलगते दिल

ये तराविश-ए-चाँदनी, ये नूर-ए-बरसात,

ये खिलखिलाते तारे, ये झिलमिलाती रात,

ये तकातुर नज़ारे, दो सुलगते दिल,

धुंए में उड़ती यादें, अधूरा इश्क़, अधूरी मंज़िल,

खामोश नज़ारे, खामोश राहें,

खामोश लफ्ज़, बोलती निगाहें…