दो सुलगते दिल
ये तराविश-ए-चाँदनी, ये नूर-ए-बरसात,
ये खिलखिलाते तारे, ये झिलमिलाती रात,
ये तकातुर नज़ारे, दो सुलगते दिल,
धुंए में उड़ती यादें, अधूरा इश्क़, अधूरी मंज़िल,
खामोश नज़ारे, खामोश राहें,
खामोश लफ्ज़, बोलती निगाहें…
ये तराविश-ए-चाँदनी, ये नूर-ए-बरसात,
ये खिलखिलाते तारे, ये झिलमिलाती रात,
ये तकातुर नज़ारे, दो सुलगते दिल,
धुंए में उड़ती यादें, अधूरा इश्क़, अधूरी मंज़िल,
खामोश नज़ारे, खामोश राहें,
खामोश लफ्ज़, बोलती निगाहें…