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बे-साख्ता
My Words Nazmein

बे-साख्ता

ऐसा कोई आलम, कोई ऐसा जहाँ होता कभी, ना बंदिशे, ना रंजिशें, ना कश्मकश, ना ही ख़लिश, मैं सोचता हूँ...
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ग़ज़ल- पीता नहीं मगर मुझे आदत अजीब है
Ghazalein My Words

ग़ज़ल- पीता नहीं मगर मुझे आदत अजीब है

पीता नहीं मगर मुझे आदत अजीब है, कहता हूँ मैं जहाँ से मुहब्बत अजीब है।  जो रोग दिल को है...
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ग़ज़ल- जानिब-ए-’अदम को मैं बढ़ चला जहाँ को छोड़
Ghazalein My Words

ग़ज़ल- जानिब-ए-’अदम को मैं बढ़ चला जहाँ को छोड़

जानिब-ए-’अदम को मैं बढ़ चला जहाँ को छोड़, और सोचता हूँ मैं हूँ कहाँ जहाँ को छोड़। जो गुजरने वाले...
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परिंदे
My Words Nazmein

परिंदे

परिंदे उड़ा नहीं करते आज-कल, यूँ ही घोंसलों में मुन्तज़िर बैठे रहते हैं, तकते रहते हैं इक राह, कि कब,...
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हिंदी
Hindi Literature Literature

हिंदी

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आज हिंदी दिवस है और हिंदी दुनिया में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने...
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पुष्प की अभिलाषा
From the great pens

पुष्प की अभिलाषा

चाह नहीं, मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ। चाह नहीं, प्रेमी-माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ॥ चाह नहीं, सम्राटों...
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हमें आप फिरसे बुला लीजे जानाँ
Ghazalein My Words

हमें आप फिरसे बुला लीजे जानाँ

हमें आप फिरसे बुला लीजे जानाँ, करे फैसले क्या, बता दीजे जानाँ। है तारीक अब भी भला क्यूँ ये कमरा,...
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गरल
Kavitayein My Words

गरल

नत- मस्तक हो वंदन करता हूँ उसको, वह गरल कि जो हृद‌य में है फलता । कालजयी भी जिसे, शत-शत...
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राम चलो वनवास चलें
Kavitayein My Words

राम चलो वनवास चलें

राम चलो वनवास चलें, लोग तुम्हें अब ना भजते। रीत यहाँ कि नहीं अब वो, छोड़ गये तुम थे तब...
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ग़ज़ल- एसी कहाँ किस्मत कि नसीबों में शिफा हो
Ghazalein

ग़ज़ल- एसी कहाँ किस्मत कि नसीबों में शिफा हो

एसी कहाँ किस्मत कि नसीबों में शिफा हो, राहत जो नहीं रोग से गर फिर तो कज़ा हो। मैं जानता...
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दोहे: हिंदी काव्य से एक छोटा सा परिचय
Hindi Literature Literature

दोहे: हिंदी काव्य से एक छोटा सा परिचय

दोहे हिंदी काव्य में सबसे प्रचलित छंदों में से एक है। हालांकि नए कवियों के आने के बाद दोहों का...
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गली का कुत्ता
Gems of Literature

गली का कुत्ता

सुबह से यह कुत्ता इसी गली के चक्कर काट रहा है। कोई मूर्ख गाड़ी चढ़ा गया है, तबसे बेचारा यूँ...
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सारी बातें भूल जाना फारिहा – जॉन एलिया
From the great pens

सारी बातें भूल जाना फारिहा – जॉन एलिया

जॉन एलिया साहब की नज़्मों/ग़ज़लों में कई बार एक ज़िक्र मिलता है फारिहा के नाम का। कहते हैं के फारिहा...
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है हर इक ख्वाब वाबस्ता उसी से
Ghazalein My Words

है हर इक ख्वाब वाबस्ता उसी से

है हर इक ख्वाब वाबस्ता उसी से, मुहब्बत है शुरू होती यहीं से। तबीयत आज कुछ अच्छी नहीं है, है...
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रंज-ओ-सितम से दूर
My Words Sher-o-Shayari

रंज-ओ-सितम से दूर

रंज-ओ-सितम से दूर फिरसे इश्क की हो इब्तिदा, कोई ख़लिश ना हो जहाँ, कोई ख़लल ना हो जहाँ, सब रंजिशों...
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Nira Arya
Proud to be an Indian

Nira Arya

Born on March 5, 1902, in Khekra Nagar, United Provinces, to the esteemed businessman Seth Chhajjumal, whose business spanned the...
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तज़्किरे
My Words Nazmein

तज़्किरे

तज़्किरे- महक रही हैं ये सबायें, खिल उठे है गुंचे फिर,मचल रहा है फिर चमन, मचल रही हैं इशरतें,बहार बन...
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उस आंगन का चांद
From the great pens

उस आंगन का चांद

उस-आंगन-का-चांद (us aangan ka chaand) is a very beautiful nazm composed by the very famous Pakistani poet ibn-e-insha.
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बला
Nazmein

बला

बला-ए-अज़ीम दो आँखें,उन आँखों में खुमारी,उस खुमारी में इश्क़,उस इश्क़ में दर्द,उस दर्द में यादें,उन यादों में मंज़र...
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तुम ने मुझको लिखा है
From the great pens

तुम ने मुझको लिखा है

तुम ने मुझको लिखा है is a very popular nazm by the famous Pakistani poet Jaun Elia. फरिहा निगारीना, तुम ने...
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