Raksha Bandhan
कोई सरहदों पे खड़ा होकर, अपनी कलाइयां निहारता है,
कोई वक्त से पहले बड़ा होकर, अपनी कलाइयां निहारता है,
किसी की खुदकी चाहतें सब भले अधूरी हों,
पर चाहता है, बहन की हर ख्वाहिश पूरी हो,
माँ बाप का फ़र्ज़ निभाता है,
महिनो घर ना जाता है,
काश, फिर कोई ख्वाहिश किसी बहन की अधूरी ना रहे,
काश, फिर कोई कलायी किसी भाई की सूनी ना रहे,
हर घर खुशियों का माहौल हो,
रक्षा का ये बंधन बेहद खुशहाल हो…