परिंदे
परिंदे उड़ा नहीं करते आज-कल, यूँ ही घोंसलों में मुन्तज़िर बैठे रहते हैं, तकते रहते हैं इक राह, कि कब, कोई, आये जिसके सहारे से ज़िन्दगी शुरू हो..
परिंदे उड़ा नहीं करते आज-कल, यूँ ही घोंसलों में मुन्तज़िर बैठे रहते हैं, तकते रहते हैं इक राह, कि कब, कोई, आये जिसके सहारे से ज़िन्दगी शुरू हो..
बला-ए-अज़ीम दो आँखें,उन आँखों में खुमारी,उस खुमारी में इश्क़,उस इश्क़ में दर्द,उस दर्द में यादें,उन यादों में मंज़र…
तुम ने मुझको लिखा है is a very popular nazm by the famous Pakistani poet Jaun Elia. फरिहा निगारीना, तुम ने मुझको लिखा है,मेरे खत जला…
Raksha Bandhan is a Hindi-Urdu poem writeen by Kalamkash on the occasion of Raksha Bandhan, an Indian festival.
Mirza Beg Asadullah Khan or Mirza Ghalib was an Indian, Persian/Urdu Poet, popularly known by his pen names ‘Ghalib’ and ‘Asad’.